भारतीय न्याय संहिता 2023
क्रमांक 45 सन 2023
अपराधो से संबंधित उपबंधों का समेकन और संशोधन करने तथा उससे संबंध या उससे आनुषंगिक विषयों के लिए अधिनियम ।
भारत गणराज्य के चौहत्तरवे वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो ।
उद्देश्यों और कारणों का कथन
(1) - वर्ष 1834 में लार्ड बेबिंगटन मैकाले की अध्यक्षकता में विधमान न्यायालयों की अधिकारिता, शक्ति और नियमो के साथ , पुलिस स्थापनो और भारत मे प्रवृत्त विधियों की जांच करने के लिए भारतीय विधि आयोग का गठन किया गया था।
(2) - आयोग ने सरकार को विभिन्न अधिनियमितियों का सुझाव दिया आयोग द्वारा की गई महत्वपूर्ण सिफारिशो में से एक भारतीय दंड संहिता के लिए थी जिसे वर्ष 1860 में अधिनियमित किया गया था और उक्त संहिता, समय - समय पर उसमे किये गए कुछ संशोधनों के साथ देश मे अभी भी बनी हुई है
(3) - भारत सरकार ने विधि और व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश से और विधिक प्रक्रिया को सरल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विद्यमान दाण्डिक विधियों का पुनर्विलोकन करना समीचीन और आवश्यक समझा है जिससे जनसाधारण की जीवनयापन की सुगमता सुनिश्चित की जा सके सरकार ने विधमान विधियों को समकालीन स्थिति के अनुसार सुसंगत बनाने और जन साधारण को त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए भी विचार किया है तदनुसार, समकालीन आवश्यकताओं और
लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा विधिक ढांचा सृजित करने करने की दृष्टि से, जो नागरिक केंद्रित हो और नागरिकों के जीवन और स्वतन्त्रता को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न पणधरियो से परामर्श किया गया।
(4) - भारतीय दंड सहिंता का निरसन करके, एक नई विधि को अधिनियमित करने का प्रस्ताव किया गया है। जिससे अपराधों और शास्तियो से सम्बंधित उपबंधों को सुप्रवाही किया जा सके
समुदाय सेवा को पहली बार छोटे अपराधों के लिए एक दंड के रूप में उपबंधित करना प्रस्तावित है। महिलाओं और बालको के विरुद्ध अपराध, हत्या और राज्य के विरुद्ध अपराधों को अग्रताक्रम दिया गया है। विभिन्न अपराधों को लैंगिक रूप से तटस्थ बनाया गया है। संगठित अपराधों और कार्यकलापो की समस्या से प्रभावी रूप से निपटने के लिए, आतंकवादी कार्यकलाप और संगठित अपराध के नए अपराधों को विधेयक में कठोर दंड के साथ जोड़ा गया है अलगाववाद, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक कार्यकलाप, अलगाववादी कार्यकलाप या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता पर खतरों को नए अपराध के रूप में जोड़ा गया है विभिन्न अपराधों के लिए जुर्माने और दंड में भी समुचित रूप से वृद्धि की गई है।
(5) - तद्नुसार, तारीख 11 अगस्त 2023 को एक विधेयक अर्थात भारतीय न्याय संहिता 2023, लोकसभा में पुरः स्थापित किया गया था विधेयक, विभाग-संबंधित गृह कार्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति को उसके विचार और रिपोर्ट हेतु निर्दिष्ट किया गया था समिति ने विचार-विमर्श करने के पश्चात तारीख 10 नवम्बर 2023 को प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में अपनी सिफारिशे की थी समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर सरकार द्वारा विचार किया गया और लोकसभा में लंबित विधेयक को वापस लेने तथा समिति द्वारा की गई उन सिफारिशों को सम्मिलित करते हुऐ, जिन्हें सरकार द्वारा स्वीकार किया गया है, एक नया विधेयक पुनः स्थापित करने का विनिश्चय किया गया।
(6) - खंडो का टिप्पण, विधेयक के विभिन्न उपबंधों को स्पष्ट करता है।
(7) - विधेयक, उपरोक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए है।