भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा - 60
(कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना)
जो कोई उस अपराध का किया जाना, जो कारावास से दण्डनीय है, सुकर बनाने के आशय से या सम्भाव्यतः तद्वारा सुकर बनाएगा यह जानते हुए, ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना के अस्तित्व को किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा स्वेच्छया छिपाएगा या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा व्यपदेशन करेगा, जिसका मिथ्या होना वह जानता है,
(क) यदि ऐसा अपराध कर दिया जाए, तो वह उस अपराध के लिए उपबन्धित भांति के कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की हो सकेगी, और
(ख) यदि वह अपराध नहीं किया जाए, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि के आठवें भाग तक की हो सकेगी, या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
खंड (क): सजा : उस दीर्घतम अवधि के एक चौथाई भाग तक का कारावास या जुर्माना
संज्ञान: संज्ञेय है या असंज्ञेय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
जमानत: जमानतीय है या अजमानतीय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
विचारणीय: उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है -
अशमनीय: समझौता करने योग्य नहीं
खंड (ख): सजा : उस दीर्घतम अवधि के आठवें भाग तक का कारावास, जो अपराध के लिए उपबन्धित है, या जुर्माना,
संज्ञान: संज्ञेय है या असंज्ञेय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
जमानत: जमानतीय है या अजमानतीय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
विचारणीय: उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है -
अशमनीय: समझौता करने योग्य नहीं