काल्पनिक चित्र |
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 93
(बालक के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के बालक का अरक्षित डाल दिया जाना और परित्याग)
जो कोई बारह वर्ष से कम आयु के बालक का पिता या माता होते हुए, या ऐसे बालक की देखरेख का भार रखते हुए, ऐसे बालक का पूर्णतः परित्याग करने के आशय से उस बालक को किसी स्थान में अरक्षित डाल देगा या छोड़ देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
व्याख्या: - यदि बालक अरक्षित डाल दिए जाने के परिणामस्वरूप मर जाए, तो, यथास्थिति, हत्या या आपराधिक मानव वध के लिए अपराधी का विचारण निवारित करना इस धारा से आशयित नहीं है।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 7 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना,
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं