भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 92
(ऐसे कार्य द्वारा जो आपराधिक मानव वध की कोटि में आता है, किसी सजीव अजात शिशु की मृत्यु कारित करना)
जो कोई, ऐसा कोई कार्य ऐसी परिस्थितियों में करता है कि यदि वह उसके द्वारा मृत्यु कारित कर देता, तो वह आपराधिक मानव वध का दोषी होता और ऐसे कार्य द्वारा किसी सजीव अजात शिशु की मृत्यु कारित करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा, और जुर्माने का भी दायी होगा।
उदाहरण:- राम, यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह गर्भवती महिला की मृत्यु कारित कर दे, ऐसा कार्य करता है, जो यदि उससे उस महिला की मृत्यु कारित हो जाती, तो वह आपराधिक मानव वध की कोटि में आता। उस महिला को क्षति होती है, किन्तु उसकी मृत्यु नहीं होती, किन्तु उसके द्वारा उस अजात सजीव शिशु की मृत्यु हो जाती है, जो उसके गर्भ में है। राम इस धारा में परिभाषित अपराध का दोषी है।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 10 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
(IPC) की धारा 316 को (BNS) की धारा 92 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |