भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 164
(अभित्याजक को संश्रय देना)
जो कोई एतस्मिन्पश्चात् यथा अपवादित के सिवाय, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक ने अभित्यजन किया है, ऐसे अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को संश्रय देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपवाद. - इस उपबन्ध का विस्तार उस मामले पर नहीं है, जिसमें पत्नी/पति, द्वारा अपने पति/पत्नी को संश्रय दिया जाता है।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 136 को (BNS) की धारा 164 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है। |