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विधिविरुद्ध जमाव

विधिविरुद्ध जमाव
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 189


(विधिविरुद्ध जमाव)

 (1) पांच या अधिक व्यक्तियों का जमाव "विधिविरुद्ध जमाव" के रूप में नामनिर्दिष्ट है, यदि उन व्यक्तियों का, जिनसे वह जमाव गठित हुआ है, सामान्य उद्देश्य हो-

(क) केन्द्रीय सरकार को, या किसी राज्य सरकार को, या संसद को, या किसी राज्य के विधान-मण्डल को, या किसी लोक सेवक को, जब कि वह ऐसे लोक सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग कर रहा हो, आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा, आतंकित करना, या

(ख) किसी विधि के, या किसी विधिक प्रक्रिया के, निष्पादन का प्रतिरोध करना, या

(ग) किसी रिष्टि या आपराधिक अतिचार या अन्य अपराध का करना, या

(घ) किसी व्यक्ति पर आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा, किसी संपत्ति का कब्जा लेना या अभिप्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग के अधिकार के उपभोग से, या जल का उपभोग करने के अधिकार या अन्य अमूर्त अधिकार से जिसका वह कब्जा रखता हो, या उपभोग करता हो, वंचित करना या किसी अधिकार या अनुमित अधिकार को प्रवर्तित कराना, या

(ङ) आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा, किसी व्यक्ति को वह करने के लिए, जिसे करने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध न हो या उसका लोप करने के लिए, जिसे करने का वह वैध रूप से हकदार हो, विवश करना।

व्याख्या:-  कोई जमाव, जो इकट्ठा होते समय विधिविरुद्ध नहीं था, तत्पश्चात् विधिविरुद्ध जमाव बन सकेगा।

(2) जो कोई उन तथ्यों से परिचित होते हुए, जो किसी जमाव को विधिविरुद्ध जमाव बनाते हैं, उस जमाव में जानबूझकर सम्मिलित होता है, या उसमें बना रहता है, यह कहा जाता है कि वह विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य है, और ऐसा सदस्यो, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।

(3) जो कोई किसी विधिविरुद्ध जमाव में, यह जानते हुए कि ऐसे विधिविरुद्ध जमाव को बिखर जाने का समादेश विधि द्वारा विहित रीति से दिया गया है, सम्मिलित होगा, या बना रहेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

(4) जो कोई किसी घातक आयुध से, या किसी ऐसी चीज से, जिससे आक्रामक आयुध के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी सम्भाव्य है, सज्जित होते हुए किसी विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

(5) जो कोई पांच या अधिक व्यक्तियों के किसी जमाव में, जिससे लोक शांति में विघ्न कारित होना सम्भाव्य हो, ऐसे जमाव को बिखर जाने का समादेश विधिपूर्वक दे दिए जाने पर, जानते हुए सम्मिलित होगा या बना रहेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


व्याख्या:- यदि वह जमाव उपधारा (1) के अर्थान्तर्गत विधिविरुद्ध जमाव हो, तो अपराधी उपधारा (3) के अधीन दण्डनीय होगा।

(6) जो कोई किसी व्यक्ति को किसी विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होने या उसका सदस्य बनाने के लिए भाड़े पर लेगा या वचनबद्ध या नियोजित करेगा या भाड़े पर लिए जाने का वचनबद्ध या नियोजित करने का संप्रवर्तन करेगा या के प्रति मौनानुकूल बना रहेगा, वह ऐसे विधिविरुद्ध जमाव के सदस्य के रूप में, और किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा ऐसे विधिविरुद्ध जमाव के सदस्य के नाते ऐसे भाड़े पर लेने, वचनबद्ध या नियोजन के अनुसरण में किए गए किसी भी अपराध के लिए उसी रीति में दण्डनीय होगा, मानो वह ऐसे विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य रहा था या ऐसा अपराध उसने स्वयं किया था।


 (7) जो कोई किसी विधिविरुद्ध जमाव के सदस्यों के लिए किसी गृह या उसके अधिभोग या प्रभार के अधीन किसी परिसर में संश्रय, आश्रय या जमाव करता है या यह जानते हुए कि ऐसे व्यक्ति, किसी विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य बनने के लिए भाड़े पर लिए गए हैं, लगाए गए हैं या नियोजित किए गए हैं, या उससे जुड़ने के लिए भाडे पर लिए जाने है या भाडे पर लगाये जाने है या नियोजित किये जाने है वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


(8) जो कोई उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट किन्हीं कृत्यों को करता है या करने में सहायता करता है या भाड़े पर या नियोजन किए जाने हेतु प्रयास करता है या प्रस्ताव करता है या नियोजित है या भाड़े पर लिया गया है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


 (9) जो कोई उपधारा (8) में विनिर्दिष्ट इस प्रकार नियोजित या भाड़े पर होने के नाते आयुध के साथ जाता है या आयुध सहित नियोजन या प्रस्ताव करता है, घातक आयुध से सज्जित होकर या किसी ऐसे आयुध का उपयोग करता है जिनमे मृत्यु कारित करने के अपराध की सम्भाव्यता है तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

उपधारा (2):- सजा:- 6 माह के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (3):- सजा:- 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (4):- सजा:- 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (5):- सजा:- 6 मास के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (6):- सजा:- वही, जो ऐसे जमाव के सदस्य के लिए और ऐसे जमाव के किसी सदस्य द्वारा किए गए किसी अपराध के लिए है

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- इसके अनुसार कि अपराध जमानतीय है या अजमानतीय

विचारणीय:- उस न्यायालय द्वारा विचारणीय, जिसके द्वारा वह अपराध विचारणीय है

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (7):- सजा:- 6 माह के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (8):- सजा:- 6 माह के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा (9):- सजा:--2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों-

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।







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