भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 200
(पीड़ित का उपचार न करने के लिए दण्ड)
जो कोई ऐसे किसी लोक या प्राइवेट अस्पताल का, चाहे वह केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा हो, भारसाधक होते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 397 के उपबन्धों का उल्लंघन करता है, वह कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 1 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों
अपराध:- असंज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।