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धारा:- 268 असेसर का प्रतिरूपण

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 268

 (असेसर का प्रतिरूपण)

 जो कोई किसी मामले में प्रतिरूपण द्वारा या अन्यथा, अपने को यह जानते हुए असेसर के रूप में तालिकांकित, पेनलित या ग्रहीतशपथ जानबूझकर कराएगा या होने देना जानते हुए सहन करेगा कि वह इस प्रकार तालिकांकित, पेनलित या गृहीतशपथ होने का विधि द्वारा हकदार नहीं है या यह जानते हुए कि वह इस प्रकार तालिकांकित; पेनलित या गृहीतशपथ विधि के प्रतिकूल हुआ है ऐसे असेसर के रूप में स्वेच्छा सेवा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

सजा:- 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।






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