काल्पनिक चित्र |
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा - 63
(बलात्संग)
यदि कोई पुरुष -
(क) किसी महिला की योनि, उसके मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में अपना लिंग किसी भी सीमा तक प्रवेश करता है या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या
(ख) किसी महिला की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में ऐसी कोई वस्तु या शरीर का कोई भाग, जो लिंग न हो, किसी भी सीमा तक अनुप्रविष्ट करता है या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या
(ग) किसी महिला के शरीर के किसी भाग का इस प्रकार हस्तसाधन करता है जिससे कि उस महिला की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी भाग में प्रवेशन कारित किया जा सके या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या
(घ) किसी महिला की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग पर अपना मुंह लगाता अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है,
तो उसके बारे में यह कहा जाएगा कि उसने बलात्संग किया है, जहां ऐसा निम्नलिखित सात भांति की परिस्थितियों में से किसी के अधीन किया जाता है-
(i) उस महिला की इच्छा के विरुद्धः
(ii) उस महिला की सम्मति के बिना;
(iii) उस महिला की सम्मति से, जब उसकी सम्मति उसे या ऐसे किसी व्यक्ति को, जिससे वह हितबद्ध है, मृत्यु या उपहति के भय में डालकर अभिप्राप्त की गई है;
(iv) उस महिला की सम्मति से, जब कि वह पुरुष यह जानता है कि वह उस महिला का पति नहीं है और उस महिला ने सम्मति इस कारण दी है कि वह यह विश्वास करती है कि वह ऐसा अन्य पुरुष है जिससे वह विधिपूर्वक विवाहित है या विवाहित होने का विश्वास करती है;
(v) उस महिला की सम्मति से, जब ऐसी सम्मति देने के समय, वह चित्त-विकृति या मत्तता के कारण या उस पुरुष द्वारा व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से कोई संज्ञा शून्यकारी या अस्वास्थ्यकर पदार्थ दिए जाने के कारण, उस बात की, जिसके बारे में वह सम्मति देती है, प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ है;
(vi) उस महिला की सम्मति से या उसके बिना जब वह अठारह वर्ष से कम आयु की है
(vii) जब वह महिला सम्मति संसूचित करने में असमर्थ है।
व्याख्या1. - इस धारा के प्रयोजनों के लिए, "योनि" के अन्तर्गत वृहत्त भगौष्ठ भी है।
व्याख्या 2. - सम्मति से कोई स्पष्ट स्वैच्छिक सहमति अभिप्रेत है, जब महिला शब्दों, संकेतों या किसी प्रकार की मौखिक या अमौखिक संसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट लैंगिक कृत्य में भाग लेने की इच्छा व्यक्त करती है :
परन्तु ऐसी महिला के बारे में, जो प्रवेशन के कृत्य का भौतिक रूप से विरोध नहीं करती है, मात्र इस तथ्य के कारण यह नहीं समझा जाएगा कि उसने लैंगिक क्रियाकलाप के प्रति सहमति प्रदान की है।
अपवाद 1.- किसी चिकित्सीय प्रक्रिया या अंतः प्रवेशन से बलात्संग गठित नहीं होगा।
अपवाद 2.- किसी पुरुष का अपनी स्वयं की पत्नी के साथ मैथुन या लैंगिक कृत्य, यदि पत्नी अट्ठारह वर्ष से कम आयु की न हो, बलात्संग नहीं है।
(IPC) की धारा 375 को (BNS) की धारा 63 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |