(आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड)
जो कोई इस संहिता द्वारा आजीवन कारावास से या कारावास से दण्डनीय अपराध करने का, या ऐसा अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करेगा, और ऐसे प्रयत्न में अपराध करने की दिशा में कोई कार्य करेगा, जहां कि ऐसे प्रयत्न के दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपवन्ध इस संहिता द्वारा नहीं किया गया है, वहां वह उस अपराध के लिए उपबन्धित किसी भांति के कारावास से उस अवधि के लिए, जो, यथास्थिति, आजीवन कारावास से आधे तक की या उस अपराध के लिए उपबन्धित दीर्घतम अवधि के आधे तक की हो सकेगी या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपवन्धित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
उदाहरण- (क) राजेश, एक सन्दूक तोड़कर खोलता है और उसमें से कुछ आभूषण चुराने का प्रयत्न करता है। सन्दूक इस प्रकार खोलने के पश्चात् उसे ज्ञात होता है कि उसमें कोई आभूषण नहीं है। उसने चोरी करने की दिशा में कार्य किया है, और इसलिए, वह इस धारा के अधीन दोषी है।
(ख) राजेश, रहीम की जेब में हाथ डालकर रहीम की जेब से चुराने का प्रयत्न करता है। रहीम की जेब में कुछ न होने के परिणामस्वरूप राजेश अपने प्रयत्न में असफल रहता है। राजेश इस धारा के अधीन दोषी है।
अपराध का वर्गीकरण
खंड (क): सजा : आजीवन कारावास के आधे, या उस अपराध के लिए उपबन्धित, दीर्घतम अवधि के आधे से अनधिक का कारावास, या जुर्माना,
संज्ञान: संज्ञेय है या असंज्ञेय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
जमानत: जमानतीय है या अजमानतीय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
विचारणीय: उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है
अशमनीय: समझौता करने योग्य नहीं
(IPC) की धारा 511 को (BNS) की धारा 62 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |