काल्पनिक चित्र |
BNSS की धारा - 250. उन्मोचन
(1) यदि अभियुक्त, धारा 232 के अधीन वाद की सुपुर्दगी की तारीख से साठ दिन की अवधि के भीतर उन्मोचन के लिए आवेदन कर सकेगा।
(2) यदि मामले के अभिलेख और उसके साथ दी गई दस्तावेजों पर विचार कर लेने पर, और इस निमित्त अभियुक्त और अभियोजन के निवेदन की सुनवाई कर लेने के पश्चात् न्यायाधीश यह समझता है कि अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है तो वह अभियुक्त को उन्मोचित कर देगा और ऐसा करने के अपने कारणों को लेखबद्ध करेगा।
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह प्रारूप केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से योग्य अधिवक्ता राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने अधिवक्ता से परामर्श करें. भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है