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धारा:- 213 शपथ या प्रतिज्ञान से इन्कार करना जब कि लोक सेवक द्वारा वह वैसा करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए

धारा:- 213 शपथ या प्रतिज्ञान से इन्कार करना जब कि लोक सेवक द्वारा वह वैसा करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए
काल्पनिक चित्र 

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 213

(शपथ या प्रतिज्ञान से इन्कार करना जब कि लोक सेवक द्वारा वह वैसा करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए)

जो कोई सत्य कथन करने के लिए शपथ या प्रतिज्ञान द्वारा अपने आप को आबद्ध करने से इन्कार करेगा, जब कि उससे अपने को इस प्रकार आबद्ध करने की अपेक्षा ऐसे लोक सेवक द्वारा की जाए जो यह अपेक्षा करने के लिए विधिक रूप से सक्षम हो कि वह व्यक्ति इस प्रकार अपने को आबद्ध करे, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

सजा:- 6 मास के लिए सादा कारावास, या 5,000 रुपए का जुर्माना या दोनों

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- अध्याय 28 के उपबंधों के अधीन रहते हुए उस न्यायालय द्वारा विचारणीय, जिसमें अपराध किया गया है; या यदि अपराध न्यायालय में नहीं किया गया है तो कोई भी मजिस्ट्रेट

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।






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