काल्पनिक चित्र |
BNSS की धारा:-256 प्रतिरक्षा आरम्भ करना
(1) जहां अभियुक्त धारा 255 के अधीन दोषमुक्त नहीं किया जाता है वहां उससे अपेक्षा की जाएगी कि अपनी प्रतिरक्षा आरम्भ करे और कोई भी साक्ष्य जो उसके समर्थन में उसके पास हो पेश करे।
(2) यदि अभियुक्त कोई लिखित कथन देता है तो न्यायाधीश उसे अभिलेख में फाइल करेगा।
(3) यदि अभियुक्त किसी साक्षी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या चीज पेश करने को विवश करने के लिए कोई आदेशिका जारी करने के लिए आवेदन करता है तो न्यायाधीश ऐसी आदेशिका जारी करेगा जब तक उसका ऐसे कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार न हो कि आवेदन इस आधार पर नामंजूर कर दिया जाना चाहिए कि वह तंग करने या विलम्ब करने या न्याय के उद्देश्यों को विफल करने के प्रयोजन से किया गया है।
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह प्रारूप केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से योग्य अधिवक्ता राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने अधिवक्ता से परामर्श करें. भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है