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धारा:- 239 इत्तिला देने के लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का जानबूझकर लोप

धारा:- 239 इत्तिला देने के लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का जानबूझकर लोप
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 239

(इत्तिला देने के लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का जानबूझकर लोप)

जो कोई यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि कोई अपराध किया गया है, उस अपराध के बारे में कोई इत्तिला जिसे देने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध हो, देने का जानबूझकर लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक को हो सकेगी या पांच हजार रुपए तक के जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

 सजा:- 6 मास के लिए कारावास हो या 5,000 रुपए का जुर्माना या दोनों

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।



अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)


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