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धारा:- 240 किए गए अपराध के विषय में मिथ्या इत्तिला देना

धारा:- 240 किए गए अपराध के विषय में मिथ्या इत्तिला देना
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 240

(किए गए अपराध के विषय में मिथ्या इत्तिला देना)

जो कोई यह जानते हुए, या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए, कि कोई अपराध किया गया है उस अपराध के बारे में कोई ऐसी इत्तिला देगा, जिसके मिथ्या होने का उसे ज्ञान या विश्वास हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

व्याख्या:- धारा 238 और धारा 239 में और इस धारा में "अपराध" शब्द के अंतर्गत भारत से बाहर किसी स्थान पर किया गया कोई भी ऐसा कार्य आता है, जो यदि भारत में किया जाता है तो निम्नलिखित धारा अर्थात धारा 103, धारा 105, धारा 307 धारा 309 की उपधारा (2). उपधारा (3) और उपधारा (4), धारा 310 की उपधारा (2) उपधारा (3) उपधारा (4) और उपधारा (5), धारा 311, धारा 312, धारा 326 के खंड (च) और खंड (छ), धारा 331 की उपधारा (4), उपधारा (6) उपधारा (7) और उपधारा (8), धारा 332 के खंड (क) और खंड (ख) में से किसी भी धारा के अधीन दंडनीय होता।


अपराध का वर्गीकरण

 सजा:- 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।





अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)


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