भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 23
(ऐसे व्यक्ति का कार्य जो अपनी इच्छा के विरूद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुँचने में असमर्थ है)
कोई बात अपराध नही जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है जो उसे करते समय मत्तता के कारण उस कार्य की प्रकृति या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण या विधि के प्रतिकूल है जानने में असमर्थ है परन्तु वह चीज जिससे उसकी मत्तता हूई थी उसको अपने ज्ञान के बिना या इच्छा के विरुद्ध दी गयीं थी
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(IPC) की धारा 85 को (BNS) की धारा 23 में बदल दिया गया है। |