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धारा- 87 (विवाह, आदि के करने को विवश करने के लिए किसी महिला का व्यपहरण करना, अपहरण करना या उत्प्रेरित करना)

(IPC) की धारा 366 को (BNS) की धारा 87 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं।
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 87

 (विवाह, आदि के करने को विवश करने के लिए किसी महिला का व्यपहरण करना, अपहरण करना या उत्प्रेरित करना)

जो कोई, किसी महिला का व्यपहरण या अपहरण उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी व्यक्ति से विवाह करने के लिए उस महिला को विवश करने के आशय से या वह विवश की जाएगी, यह सम्भाव्य जानते हुए या अनुचित सम्भोग करने के लिए उस महिला को विवश या विलुब्ध करने के लिए या वह महिला अनुचित सम्भोग करने के लिए विवश या विलुब्ध की जाएगी यह सम्भाव्य जानते हुए करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा; और जो कोई, किसी महिला को किसी अन्य व्यक्ति से अनुचित सम्भोग करने के लिए विवश या विलुब्ध करने के आशय से या वह विवश या विलुब्ध की जाएगी यह सम्भाव्य जानते हुए इस संहिता में यथापरिभाषित आपराधिक अभित्रास द्वारा या प्राधिकार के दुरुपयोग या विवश करने के अन्य साधन द्वारा उस महिला को किसी स्थान से जाने को उत्प्रेरित करता है, वह भी पूर्वोक्त प्रकार से दंडित किया जाएगा।

अपराध का वर्गीकरण

सजा:- दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा

संज्ञान:- संज्ञेय 

जमानत:- अजमानतीय

विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय 

अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं


(IPC) की धारा 366 को (BNS) की धारा 87 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं।






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