भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 157
(उपेक्षा से लोक सेवक का ऐसे कैदी का निकल भागना सहन करना)
जो कोई लोक सेवक होते हुए और किसी राजकैदी या युद्धकैदी को अभिरक्षा में रखते हुए उपेक्षा से ऐसे कैदी का किसी ऐसे परिरोध स्थान से जिसमें ऐसा कैदी परिरुद्ध है, निकल भागना सहन करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने का भी दायी होगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 3 वर्ष के लिए सादा कारावास और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 129 को (BNS) की धारा 157 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |