भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 180
(कूटरचित या कूटकृत सिक्के, सरकारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को कब्जे में रखना)
जो कोई किसी कूटरचित या कूटकृत सिक्के, स्टांप, करेंसी नोट या बैंक नोट को यह जानते हुए या विश्वास रखते हुए कि वह कूटकृत है उसे असली के रूप में उपयोग में लाने के आशय से या इस आशय के कि उसे असली के रूप में उपयोग में लाया जा सके, अपने अपने कब्जे में रखेगा तो वह किसी भी भांति के कारावास से, जो सात वर्ष तक का हो सकेगा या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।
व्याख्या:- यदि कोई व्यक्ति कूटरचित या कूटकृत सिक्के, स्टांप करेंसी-नोट या बैंक नोट के कब्जे को विधिपूर्ण स्रोत से होना स्थापित कर देता है, तो यह इस धारा के अधीन अपराध गठित नहीं करेगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 7 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 242, 243, 252, 253, 259, 489C को (BNS) की धारा 180 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |