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धारा:- 197 राष्ट्रीय अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान

(IPC) की धारा 153B को (BNS) की धारा 197 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है
काल्पनिक चित्र 

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 197

(राष्ट्रीय अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान)

(1) जो कोई बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा, -

(क) ऐसा कोई लांछन लगाएगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्ति इस कारण से कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषाई या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा नहीं रख सकते या भारत की प्रभुता और अखण्डता की मर्यादा नहीं बनाए रख सकते, या

(ख) यह प्राख्यान करेगा, परामर्श देगा, सलाह देगा, प्रचार करेगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्तियों को इस कारण से कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, भारत के नागरिक रूप में उनके अधिकार न दिए जाएं या उन्हें उनसे वंचित किया जाए,

 या 

(ग) किसी वर्ग के व्यक्तियों की, बाध्यता के सम्बन्ध में इस कारण कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, कोई प्रख्यान करता है, परामर्श देता है, अभिवाक् करता है या प्रकाशित करता है, और ऐसे प्राख्यान, परामर्श, अभिवाक् या अपील से ऐसे सदस्यों तथा अन्य व्यक्तियों के बीच असौहार्द या शत्रुता या घृणा या वैमनस्य की भावनाएं उत्पन्न होती हैं या उत्पन्न होनी सम्भाव्य हैं:

 या

(घ) भारत की सम्प्रभुता, एकता और अखण्डता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली मिथ्या या भ्रामक जानकारी देता है या प्रकाशित करता है, वह कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से, या दोनों से , दण्डित किया जाएगा।

(2) जो कोई उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट कोई अपराध किसी उपासना स्थल में या धार्मिक उपासना या धार्मिक कर्म करने में लगे हुए किसी जमाव में करेगा, वह कारावास से, जो पांच वर्ष तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दायी होगा।


अपराध का वर्गीकरण

उपधारा:- (1)  सजा:- 3 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय

जमानत:- अजमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


उपधारा:- (2) सजा:- 5 वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना

अपराध:- संज्ञेय 

जमानत:- अजमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।







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