भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 198
(लोक सेवक, जो किसी व्यक्ति को क्षति कारित करने के आशय से विधि की अवज्ञा करता है)
जो कोई लोक सेवक होते हुए, विधि के किसी ऐसे निदेश की जो उस ढंग के बारे में हो, जिस ढंग से लोक सेवक के नाते उसे आचरण करना है, जानते हुए इस आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए अवज्ञा करेगा कि ऐसी अवज्ञा से वह किसी व्यक्ति को क्षति कारित करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
उदाहरण:- राजेश, जो एक अधिकारी है, और न्यायालय द्वारा महेश के पक्ष में दी गई डिक्री की तुष्टि के लिए निष्पादन में संपत्ति लेने के लिए विधि द्वारा निर्देशित है, यह ज्ञान रखते हुए कि यह सम्भाव्य है कि तद्वारा वह महेश को क्षति कारित करेगा, जानते हुए विधि के उस निदेश की अवज्ञा करता है। राजेश ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 1 वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों
अपराध:- असंज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 166 को (BNS) की धारा 198 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |