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धारा:- 202 लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगा है

धारा:- 202  लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगा है
काल्पनिक चित्र


भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 202

(लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगा है)

 जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते, इस बात के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए कि वह व्यापार में न लगे, व्यापार में लगता है, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, या सामुदायिक सेवा से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

 सजा:- 1 वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों या सामुदायिक सेवा

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।






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