भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 203
(लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से संपत्ति क्रय करता है या उसके लिए बोली लगाता है)
जो कोई, लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते, इस बात के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए कि वह कतिपय संपत्ति को न तो क्रय करे और न उसके लिए बोली लगाए, या तो अपने नाम में, या किसी दूसरे के नाम में, या दूसरों के साथ संयुक्त रूप से, या अंशों में उस संपत्ति को क्रय करता है, या उसके लिए बोली लगाता, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा, और यदि वह संपत्ति क्रय कर ली गई है, तो वह अधिगृत कर ली जाएगी।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 2 वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों और यदि संपत्ति क्रय कर ली गई है तो उसका अधिहरण
अपराध:- असंज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 169 को (BNS) की धारा 203 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |