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धारा:- 252 चोरी की संपत्ति इत्यादि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 252

(चोरी की संपत्ति इत्यादि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना)

जो कोई किसी व्यक्ति की किसी ऐसी जंगम संपत्ति के वापस करा लेने में, जिससे इस संहिता के अधीन दण्डनीय किसी अपराध द्वारा वह व्यक्ति वंचित कर दिया गया हो, सहायता करने के बहाने या सहायता करने की बाबत कोई परितोषण लेगा या लेने का करार करेगा या लेने को सम्मत होगा, वह, जब तक कि अपनी शक्ति में के सब साधनों को अपराधी को पकड़वाने के लिए और अपराध के लिए दोषिसिद्ध कराने के लिए उपयोग में न लाए, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

सजा:- 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।








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