भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 75
(लैंगिक उत्पीड़न)
(1) ऐसा कोई निम्नलिखित कार्य, अर्थात् :-
(i) शारीरिक संस्पर्श और अग्रक्रियाएं करने, जिनमें अवांछनीय और लैंगिक संबंध बनाने संबंधी स्पष्ट प्रस्ताव अन्तर्वलित हों; या
(ii) लैंगिक स्वीकृति के लिए कोई मांग या अनुरोध करने; या
(iii) किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाने; या
(iv) लैंगिक आभासी टिप्पणियां करने, वाला पुरुष लैंगिक उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा।
(2) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खण्ड (i) या खण्ड (ii) या खण्ड (iii) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
(3) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खण्ड (iv) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
उपधारा (2):- सजा:- 3 वर्ष का कठोर कारावास या जुर्माना या दोनों
संज्ञान:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (3):- सजा:- 1 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों
संज्ञान:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं