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धारा- 115 (स्वेच्छया उपहति कारित करना)

धारा- 115 (स्वेच्छया उपहति कारित करना)
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 115

(स्वेच्छया उपहति कारित करना)

 (1) जो कोई किसी कार्य को इस आशय से करता

है कि तद्वारा किसी व्यक्ति को उपहति कारित करे या इस ज्ञान के साथ करता है कि यह सम्भाव्य है कि वह तद्वारा किसी व्यक्ति को उपहति कारित करे और तद्वारा किसी व्यक्ति को उपहति कारित करता है, यह कहा जाता है कि वह "स्वेच्छया उपहति करता है"।

(2) जो कोई धारा 122 की उपधारा (1) के अधीन उपबन्धित मामले के सिवाय स्वेच्छया उपहति कारित करता है, दोनों में से किसी भांति के कारावास से जो एक वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से जो दस हजार तक का हो सकेगा या, दोनों से, दंडनीय होगा।


अपराध का वर्गीकरण

 सजा:- 1 वर्ष के लिए कारावास या 10 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों

अपराध:- असंज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

शमनीय:- समझौता करने योग्य है।

(IPC) की धारा321, 323 को (BNS) की धारा 115 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं।

(IPC) की धारा321, 323 को (BNS) की धारा 115 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं।








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