भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 110
(आपराधिक मानव वध करने का प्रयत्न)
जो कोई किसी कार्य को ऐसे आशय या ज्ञान से और ऐसी परिस्थितियों में करता है कि यदि उस कार्य से वह मृत्यु कारित कर देता, तो वह हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध का दोषी होता, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा; और यदि ऐसे कार्य द्वारा किसी व्यक्ति को उपहति हो जाए तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
उदाहरण:- राम गम्भीर और अचानक प्रकोपन पर, ऐसी परिस्थितियों में, श्याम पर पिस्तौल चलाता है कि यदि तद्वारा वह मृत्यु कारित कर देता तो वह हत्या की कोटि में न आने वाले आपराधिक मानव वध का दोषी होता। राम ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
अपराध का वर्गीकरण
भाग (1):- सजा:- 3 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
भाग (2):- सजा:- 7 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
(IPC) की धारा 308 को (BNS) की धारा 110 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |