Type Here to Get Search Results !

धारा:- 170 रिश्वत

धारा:- 170 रिश्वत
काल्पनिक चित्र


भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 170


(रिश्वत)

(1) जो कोई-

(i) किसी व्यक्ति को इस उद्देश्य से परितोषण देता है कि वह व्यक्ति को या किसी अन्य व्यक्ति को किसी निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे या किसी व्यक्ति को इसलिए इनाम दे कि उसने ऐसे अधिकार का प्रयोग किया है; या

(ii) स्वयं अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई परितोषण ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए उत्प्रेरित करने या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करने के लिए इनाम के रूप में प्रतिगृहीत करता है,

वह रिश्वत का अपराध करता है :

परन्तु लोक नीति की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन इस धारा के अधीन अपराध न होगा।

(2) जो व्यक्ति परितोषण देने की प्रस्थापना करता है या देने को सहमत होता है या उपाप्त करने की प्रस्थापना या प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण देता है।

(3) जो व्यक्ति परितोषण अभिप्राप्त करता है या प्रतिगृहीत करने को सहमत है या अभिप्राप्त करने का प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण प्रतिगृहीत करता है और जो व्यक्ति वह बात करने के लिए, जिसे करने का उसका आशय नहीं है, हेतु स्वरूप, या जो बात उसने नहीं की है उसे करने के लिए इनाम के रूप में परितोषण प्रतिगृहीत करता है, यह समझा जाएगा कि उसने परितोषण को इनाम के रूप में प्रतिगृहीत किया है।





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.