भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 181
(लिखत या कूटरचना के लिए सामग्री या कूटकृत सिक्के, सरकारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोटों को बनाना या कब्जे में रखना)
जो कोई किसी सिक्के के कूटकरण या कूटरचना, राजस्व के प्रयोजन के लिए सरकार द्वारा जारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट मशीनरी, डाई, लिखत या सामग्री, जिसे प्रयोग किए जाने के प्रयोजन से या जानते हुए या जिसके बारे में वह जानता है कि यह प्रयोग में लाया जाएगा, बनाता है, या ढालता है, उसको बनाने या ढालने की प्रक्रिया के किसी भाग में कार्य करता है या क्रय या विक्रय या निपटान करता है या उसके कब्जे में कोई मशीनरी, डाई, लिखत या सामग्री है, वह आजीवन कारावास या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- आजीवन कारावास या 10 वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 233, 234, 235, 256, 257, 489D को (BNS) की धारा 181 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |