भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 266
(दण्ड के परिहार की शर्त का अतिक्रमण)
जो कोई दण्ड का सशर्त परिहार स्वीकृत कर लेने पर किसी शर्त का जिस पर ऐसा परिहार दिया गया था, जानते हुए अतिक्रमण करता है, यदि वह उस दण्ड का, जिसके लिए वह मूलतः दण्डादिष्ट किया गया था, कोई भाग पहले ही न भोग चुका हो, तो वह उस दण्ड से और यदि वह उस दण्ड का कोई भाग भोग चुका हो, तो वह उस दण्ड के उतने भाग से, जितने को वह पहले ही भोग चुका हो, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- मूल दण्डादेश का दण्ड या यदि दण्ड का भाग भोग लिया गया है, तो अवशिष्ट भाग
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- वह न्यायालय जिसके द्वारा मूल अपराध विचारणीय था द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 227 को (BNS) की धारा 266 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |

