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धारा:- 265 अन्यथा अनुपबन्धित दशाओं में विधिपूर्वक पकड़ने में प्रतिरोध या बाधा या निकल भागना या छुड़ाना

(IPC) की धारा 225B को (BNS) की धारा 265 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 265

(अन्यथा अनुपबन्धित दशाओं में विधिपूर्वक पकड़ने में प्रतिरोध या बाधा या निकल भागना या छुड़ाना)

जो कोई स्वयं अपने या किसी अन्य व्यक्ति के विधिपूर्वक पकड़े जाने में जानबूझकर कोई प्रतिरोध करता है या अवैध बाधा डालता है है या किसी अभिरक्षा में से, जिसमें वह विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागता है या निकल भागने का प्रयत्न करता है, या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसी अभिरक्षा में से, जिसमें वह व्यक्ति विधिपूर्वक निरुद्ध हो, छुड़ाता है या छुड़ाने का प्रयत्न करता है, वह किसी ऐसी दशा में, जिसके लिए धारा 262 या धारा 263 या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में उपबन्ध नहीं है, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


अपराध का वर्गीकरण

सजा:- 6 मास के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों

अपराध:- संज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।








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