भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 67
(पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ पृथक्करण के दौरान मैथुन)
जो कोई, अपनी पत्नी के साथ , जो पृथक्करण की डिक्री के अधीन या अन्यथा, पृथक रह रही है, उसकी सम्मति के बिना मैथुन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
व्याख्या. - इस धारा में, "मैथुन" से धारा 63 के खण्ड (क) से खण्ड (घ) में वर्णित कोई कृत्य अभिप्रेत है।
अपराध का वर्गीकरण
सजा: कम से कम 2 वर्ष के लिए कारावास, किंतु जो 7 वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना
संज्ञान: संज्ञेय (केवल पीड़िता के परिवाद पर)
जमानत: जमानतीय
विचारणीय: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय: समझौता करने योग्य नहीं