Type Here to Get Search Results !

धारा- 68 (प्राधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा मैथुन)

धारा- 68 (प्राधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा मैथुन)
काल्पनिक चित्र 


भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 68

(प्राधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा मैथुन)

जो कोई:- 

(क) प्राधिकार की किसी स्थिति या वैश्वासिक सम्बन्ध रखते हुए, या

(ख) कोई लोक सेवक होते हुए, या

(ग) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह या अभिरक्ष अभिरक्षा के अन्य स्थान का या महिलाओं या बालकों की किसी संस्था का अधीक्षक या प्रबन्धक होते हुए, या

 (घ) अस्पताल के प्रबन्धतन्त्र या किसी अस्पताल का कर्मचारिवृंद होते हुए, ऐसी किसी महिला को, जो उसकी अभिरक्षा में है या उसके भारसाधन के अधीन है या परिसर में उपस्थित है, अपने साथ मैथुन करने हेतु, जो बलात्संग के अपराध की कोटि में नहीं आता है. उत्प्रेरित या विलुब्ध करने के लिए ऐसी स्थिति या वैश्वासिक सम्बध का दुरुपयोग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कठिन कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा। 

व्याख्या 1. इस धारा में "मैथुन" से धारा 63 के खण्ड (क) से खण्ड (घ) में वर्णित कोई कृत्य अभिप्रेत होगा।

व्याख्या 2. इस धारा के प्रयोजनों के लिए, धारा 63 का स्पष्टीकरण 1 भी लागू होगा।

व्याख्या 3. - किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह या अभिरक्षा के अन्य स्थान या महिलाओं या बालकों की किसी संस्था के सम्बन्ध में "अधीक्षक" के अन्तर्गत कोई ऐसा व्यक्ति है, जो जेल, प्रतिप्रेषण-गृह, स्थान या संस्था में ऐसा कोई पद धारण करता है जिसके आधार पर वह उसके निवासियों पर किसी प्राधिकार या नियन्त्रण का प्रयोग कर सकता है।

व्याख्या 4.-"अस्पताल" और "महिलाओं या बालकों की संस्था" पदों का क्रमशः वही अर्थ होगा जो धारा 64 की उपधारा (2) के स्पष्टीकरण के खंड (ख) और खंड (घ) में उनका है।

अपराध का वर्गीकरण

सजा: कम से कम 5 वर्ष के लिए कठोर कारावास से, किन्तु जो 10 वर्ष तक का हो सकेगा, और जुर्माना

संज्ञान: संज्ञेय 

जमानत: अजमानतीय

विचारणीय: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय 

अशमनीय: समझौता करने योग्य नहीं








एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.