भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 78
(पीछा करना)
(1) ऐसा कोई पुरुष, जो-
(i) किसी महिला का उससे व्यक्तिगत अन्योन्यक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए, उस महिला द्वारा स्पष्ट रूप से अनिच्छा उपदर्शित किए जाने के बावजूद, बारंबार पीछा करता है और संस्पर्श करता है या संस्पर्श करने का प्रयत्न करता है; या
(ii) जो कोई किसी महिला द्वारा इंटरनेट, ई-मेल या किसी अन्य प्ररूप की इलैक्ट्रानिक संसूचना का प्रयोग किए जाने को मानीटर करता है, पीछा करने का अपराध करता है :
परन्तु ऐसा आचरण पीछा करने की कोटि में नहीं आएगा, यदि वह पुरुष, जो ऐसा करता है, यह साबित कर देता है कि-
(i) ऐसा कार्य अपराध के निवारण या पता लगाने के प्रयोजन के लिए किया गया था और पीछा करने के अभियुक्त पुरुष को राज्य द्वारा उस अपराध के निवारण और पता लगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था; या
(ii) ऐसा किसी विधि के अधीन या किसी विधि के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा अधिरोपित किसी शर्त या अपेक्षा का पालन करने के लिए किया गया था; या
(iii) विशिष्ट परिस्थितियों में ऐसा आचरण युक्तियुक्त और न्यायोचित था।
(2) जो कोई पीछा करने का अपराध करेगा, वह प्रथम दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा; और किसी द्वितीय एवं पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर किसी भी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
अपराध का वर्गीकरण
उपधारा (1):- सजा:- 3 वर्ष तक का कारावास और जुर्माना
संज्ञान:- संज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- कोई मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (2):- सजा:- 5 वर्ष तक का कारावास और जुर्माना
संज्ञान:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- कोई मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं