भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 113
(आतंकवादी कृत्य)
(1) जो कोई, भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा या प्रभुता को संकट में डालने या संकट में डालने की संभावना के आशय से या भारत मे या किसी विदेश में जनता अथवा जनता के किसी वर्ग में आतंक फैलाने या आतंक फैलाने की संभावना के आशय से -
(क) बमों, डाइनामाइट या अन्य विस्फोटक पदार्थों या ज्वलनशील पदार्थों या अग्न्यायुधों या अन्य प्राणहर आयुधों या विषों या अपायकर गैसों या अन्य रसायनों या परिसंकटमय प्रकृति के किन्हीं अन्य पदार्थों का (चाहे वे जैविक रेडियोधर्मी, न्यूक्लीयर हों या अन्यथा) या किसी भी प्रकृति के किन्हीं अन्य साधानों का उपयोग करके ऐसा कोई कार्य करता है, जिससे, -
(i) किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु होती है या उन्हें क्षति होती है या होने की संभावना है; या
(ii) संपत्ति की हानि या उसका नुकसान या विनाश होता है या होने की संभावना है;
(iii) भारत में या किसी विदेश में समुदाय के जीवन के लिए अनिवार्य किन्हीं प्रदायों या सेवाओं में विघ्न कारित होता है या होने की संभावना है; या
(iv) सिक्के या किसी अन्य सामग्री की कूटकृत भारतीय कागज करेंसी के निर्माण या उसकी तस्करी या परिचालन से भारत की आर्थिक स्थिरता को नुकसान कारित होता है या होने की संभावना है; या
(v) भारत की प्रतिरक्षा या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या उनके किन्हीं अभिकरणों के किन्हीं अन्य प्रयोजनों के संबंध में उपयोग की जाने वाली या उपयोग किए जाने के लिए आशयित भारत में या विदेश में किसी संपत्ति का नुकसान या विनाश होता है या होने की संभावना है; या
(ख) लोक कृत्यकारियों के आपराधिक बल के द्वारा या आपराधिक बल का प्रदर्शन करके आतंकित करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है या किसी लोक कृत्यकारी की मृत्यु कारित करता है या किसी लोक कृत्यकारी की मृत्यु कारित करने का प्रयत्न करता है; या
(ग) किसी व्यक्ति को निरुद्ध करता है, उसका व्यपहरण या अपहरण करता है या ऐसे व्यक्ति को मारने या क्षति पहुंचाने को धमकी देता है या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या किसी विदेश की सरकार या किसी अंतर्राष्ट्रीय या अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को कोई कार्य करने या किसी कार्य को करने से प्रविरत रहने के लिए बाध्य करने के लिए कोई अन्य कार्य करता है, तो वह आतंकवादी कार्य करता है।
उदाहरण:- इस उपधारा के प्रयोजन के लिए, –
(क) "लोक कृत्यकारी" से संवैधानिक प्राधिकारी या केन्द्रीय सरकार द्वारा राजपत्र में लोक कृत्यकारी के रूप में अधिसूचित कोई अन्य कृत्यकारी अभिप्रेत है;
(ख) "कूटकृत भारतीय करेंसी" से ऐसी कूटकृत करेंसी अभिप्रेत है, जो किसी प्राधिकृत या अधिसूचित न्याय संबंधी प्राधिकारी द्वारा या परीक्षा करने के पश्चात् कि ऐसी करेंसी भारतीय करेंसी के मुख्य सुरक्षा लक्षणों की अनुकृति है या उसके अनुरूप है, उस रुप में घोषित की जाए।
(2) जो कोई आतंकवादी का कृत्य कारित करेगा, -
(क) यदि ऐसे अपराध के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित होगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा;
(ख) किसी अन्य मामले में, वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो पांच वर्ष से कम नहीं होगी, किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
(3) जो कोई आतंकवादी कृत्य को कारित करने का षड़यंत्र, प्रयत्न करता है, या पक्ष समर्थन, दुष्प्रेरण करता है, सलाह देता है या उद्दित करता है या प्रत्यक्ष रूप से या जानते हुए, उसे सुकर बनाता है या किसी आतंकवादी कृत्य को प्रारंभ करने के लिए कोई कार्य करता है, तो वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो पांच वर्ष से कम नहीं होगी, किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
(4) जो कोई आतंकवादी कृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए किसी कैंप या किन्हीं कैंपों का आयोजन करता है या आयोजन किया जाना कारित करता है या आतंकवादी कृत्य को कारित करने के लिए किसी व्यक्ति या किन्हीं व्यक्तियों को भर्ती करता है या भर्ती किया जाना कारित करता है, तो वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो पांच वर्ष से कम नही होगी किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
(5) कोई व्यक्ति जो आतंकवादी संगठन का सदस्य है है, जो आतंकवादी के कृत्य में अंतवर्लित है, वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने का भी दायी होगा।
(6) जो कोई ऐसे व्यक्ति को जानते हुए कि ऐसे व्यक्ति ने किसी आतंकवादी कृत्य का अपराध कारित किया है, साशयपूर्वक उसे संश्रय देगा या छिपाएगा या संश्रय देने या छिपाने का प्रयत्न करेगा, वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो तीन वर्ष से कम नहीं होगी किन्तु आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने के लिए भी दायी होगा :
परंतु यह उपधारा ऐसे मामलों में लागू नहीं होगी, जिसमें संश्रय देने या छिपाने का कार्य अपराधी के पति या की पत्नी द्वारा किया गया है।
(7) जो कोई किसी आतंकवादी कृत्य को कारित करने से व्युत्पन्न या अभिप्राप्त या आतंकवादी कृत्य को कारित करने के माध्यम से अर्जित किसी संपत्ति को जानते हुए कब्जे में रखता है, वह किसी ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने का भी दायी होगा।
उदाहरण:- संदेह को दूर करने के लिए यह घोषित किया जाता है कि पुलिस अधीक्षक की पंक्ति से अनिम्न का अधिकारी यह विनिश्चय करेगा की क्या इस धारा के अधीन या विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के अधीन मामला रजिस्ट्रीकृत किया जाए।
अपराध का वर्गीकरण
उपधारा (2) (क):- सजा:- मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (2) (क):- सजा:- कारावास, जो 5 वर्ष से कम नहीं होगा, किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (3):- सजा:- कारावास, जो 5 वर्ष से कम नहीं होगा, किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (4):- सजा:- कारावास जो 5 वर्ष से कम नहीं होगा किन्तु जो आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (5):- सजा:- आजीवन कारावास और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (6):- सजा:- कारावास, जो 3 वर्ष से कम नहीं होगा, किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
उपधारा (7):- सजा:- आजीवन कारावास और जुर्माना
अपराध:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं