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धारा:- 209 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 84 के अधीन किसी उद्घोषणा के जवाब में गैर-हाजिरी

(IPC) की धारा 209 को (BNS) की धारा 209 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है
काल्पनिक चित्र


भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 209

(भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 84 के अधीन किसी उद्घोषणा के जवाब में गैर-हाजिरी) 

जो कोई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 84 की उपधारा (1) के अधीन प्रकाशित किसी उद्घोषणा की अपेक्षानुसार विनिर्दिष्ट स्थान और विनिर्दिष्ट समय पर हाजिर होने में असफल रहेगा, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या जर्माने से या दोनों से या सामुदायिक सेवा से दण्डित किया जाएगा और जहां उस धारा की उपधारा (4) के अधीन कोई ऐसी घोषणा की गई है जिसमें उसे उदघोषित अपराधी के रूप में घोषित किया गया है. वहां वह ऐसे कारावास से. जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी. और जमाने से दंडित किया जाएगा और जमाने का भी दायी होगा।


अपराध का वर्गीकरण

भाग 1:-  सजा:- 3 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों या समुदाय सेवा

अपराध:- संज्ञेय

जमानत:- अजमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।


भाग 2 :-  सजा:-7 वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना

अपराध:- संज्ञेय

जमानत:- अजमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।







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